अकबर (1542-1605) AKBAR THE GREAT से सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

अकबर का जन्म – 15 अक्टूबर 1542                                                                                                                                                                जन्म स्थान       – अमरकोट( सिंध )में राणा वीर साल राजपूत के घर
 पूरा नाम           – जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर
पिता                  – हुमायूं
 माता                – हमीदा बानो बेगम (मरियम मकानी के रूप में मान्यता)
 राज अभिषेक    – 14 फरवरी 1556 कालानौर (गुरदासपुर उम्र 13 वर्ष 4 माह)
पुत्र                    -सलीम, मुराद, दानियाल,
 पुत्रिया               – खानम सुल्तान, सुक्रून निशा बेगम, आराम बानो बेगम
उत्तराधिकारी

सलीम (जहांगीर )                                                                                                  – मुराद की मृत्यु 1599 ईसवी                                                                                    – दानियाल की मृत्यु 1604  में (मदिरापान से)

चाचा     – कामरान, हिन्दाल, अस्करी

अकबर

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अकबर के जन्म के समय हुमायूं अमरकोट से दूर साह हुसैन अरगून के विरुद्ध थट्टा और भक्खर अभियान पर था|

टार्दी  बेग खान (घुड़सवार) ने अकबर के जन्म का समाचार हुमायूं को दिया|

अकबर को कामरान ने काबुल दुर्ग की दीवार पर तोपों के सामने लटकाया था|

अकबर के शिक्षक पीर मोहब्बत तथा बैरम खान थे

गजनी के राज्यपाल (1551) के रूप में अकबर को हुमायूँ  ने मात्र 9 वर्ष की अवस्था में दायित्व सौंपा|

पहला विवाह चाचा हिंदाल की पुत्री रुकैया बेगम से|

सरहिंद युद्ध (22जून 1555) अकबर ने हुमायूं के साथ युद्ध में भाग लिया तथा विजय का श्रेय हुमायूँ द्वारा अकबर को दिया गया|

पहली बार अकबर को बैरम खां के संरक्षण में पंजाब के सूबेदार का दायित्व सौंपा गया|

हुमायूँ की मृत्यु 24 जनवरी 1556 को हुई |

मुल्ला बेकसी :-

हुमायूं की मृत्यु के समय अकबर पंजाब में सिकंदरसूर  के विरुद्ध युद्धरत था | विद्रोह न फैले पहले इसलिए हुमायूं की शक्ल के समान दिखने वाले मुल्ला बेकसी को 17 दिनों तक शाही  लिवास पहनाकर जनता दर्शन कराए जाते रहे|

अकबर ने बैरम खां को “खाने खाना” की उपाधि प्रदान की | प्यार से उसे “खानी बाबा” कहा जाता था|

हेमू :-

उपाधियां – हेमू विक्रमादित्य और हेमचंद्र विक्रमादित्य

मृत्यु -5 नवंबर 1556

हेमू ने वजीर के रूप में सूर साम्राज्य के आदिलशाह सूरी के यहां कार्य किया| 24 लड़ाइयां लड़ी जिसमें से 22 में उसे विजय प्राप्त हुई है|

हेमू ने 7 अक्टूबर 1556 को दिल्ली की लड़ाई में अकबर की मुगल सेना को हराया|

शाह अबुल माली ने अकबर के राज्य अभिषेक में शामिल होने से इंकार कर दिया जो कभी हुमायूँ का अत्यंत विश्वासपात्र होता था|

विक्रमादित्य की उपाधि धारण करने वाला हेमू  14 वाँ और अंतिम शासक था |वह दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला अंतिम हिन्दू सम्राट था |

बैरम खां की संरक्षता (1556-1560):-
उपाधि – खान -ए -खाना
कल्ला मीनार :- कल्ला को फारसी में सिर कहते है अतः सिकन्दर शाह सूरी के साथ लड़ने में जितने सर कटे उनको इसमें भर दिया गया |कल्ला मीनार बैरम खां द्वारा बनवाई गयी थी |इसे सर मीनार भी कहते है |

प त्नी-सलीमा बेगम (अकबर की चचेरी बहन)

पानीपत का तृतीय युद्ध

तिथि – 5 नवंबर 1556 ईस्वी में

पक्ष -अकबर और हेमू (हेमचंद्र)

परिणाम – अकबर विजयी

“हेमू की पराजय एक दुर्घटना थी, जबकि अकबर की विजय एक दैवीय संयोग था |” -डॉक्टर आर पी त्रिपाठी |

युद्ध के दौरान के हेमू के आंख में तीर लगना उसकी हार का कारण बना सैनिकों में भगदड़ मच ग तथा हेमू को अकबर के समक्ष पेश किया गया जहां पर बैरम खां ने अपनी तलवार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया| पानीपत के इस युद्ध में विजय का श्रेय बैरम खां को दिया जाता है |

पेटीकोट सरकार/पर्दा शासन (1560 से 1564):-
बैरम खां के पतन के बाद अकबर हरम की स्त्रियों के प्रभाव में आ गया तथा उनको शासन में  कुछ हस्तक्षेप करने का अधिकार प्रदान कर दिया|

हरम दल में राजमाता हमीदा बानो बेगम, माहम आनगा, अधम खां, शिहाबुद्धीन अतगा, मुल्ला पीर मोहम्मद तथा मुनीम खां शामिल थे|

शिहाबुद्धीन अतगा– माहम अनगा का दमाद (दिल्ली का सूबेदार)

मुल्लापीर – अकबर का अध्यापक

माहम अनगा  का सर्वाधिक प्रभाव था|

अकबर के प्रमुख युद्ध:-
पानीपत का द्वितीय युद्ध:- 5 नवम्बर 1556 में अकबर तथा हेमू के मध्य अकबर विजयी|

हल्दीघाटी का युद्ध:- 18 जून 1576 गोगुंडा के निकट हल्दीघाटी के मैदान में राणा प्रताप उर्फ कीका व  मुगल सेनापति मानसिंह के मध्य राणा प्रताप पराजित हुआ|

कलिंजर विजय (1569):- मजनू खां काकशाह  तथा राजा रामचंद्र के बीच साही सेना के सामने राजा रामचंद्रने समर्पण कर दिया|

मेड़ता विजय (1562)

गढ़करंगा (गोंडवाना) विजय (1564)

मेवाड़ विजय (1568)

रणथम्भौर विजय (1569)

कालिंजर विजय (1569)

गुजरात विजय (1572-73 )

काबुल विजय (1581)

कश्मीर विजय (1585-86)

सिंध विजय (1591)

उड़ीसा विजय (1592)

प्रश्न नं 1 -अकबर को किसने हराया?

हेमू (हेमचन्द्र )ने अपने स्वामी आदिल शाह की ओर से 24 युद्धों में से 22 युद्धों पर विजय हासिल की |दिल्ली पर अधिकार कर उसने विक्रमादित्य की उपाधि धारण करने वाला 14वाँ  और अंतिम शासक था |वह दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला अंतिम हिंदू सम्राट था|

प्रश्न नं 2 -अकबर  की पत्नी कितनी थी ?

हरखा बाई उर्फ़ जोधाबाई (राजा भारमल की पुत्री )

सलीमा बेगम (बैरम खां की विधवा)

बीकानेर के राजा कल्याणमल की पुत्री से विवाह|

जैसलमेर के रावल हरराय की पुत्री से विवाह |

उपरोक्त को शामिल करते हुए अकबर की लगभग 300 रानियां थी |

प्रश्न नं 3 -अकबर को किसने मारा था?

अकबर के जीवन के अंतिम दिन बहुत ही कष्ट दायक गुजरे | 4 अक्टूबर 1605 को अकबर अतिसार से पीड़ित हो गया इस बीमारी को उसका वैध हकीम अली पहचान नहीं सका अंततः  25 से 26 अक्टूबर 1605 को मध्य रात्रि को अकबर की मृत्यु हो गई|

प्रश्न नं 4 -अकबर की सबसे प्रिय रानी कौन थी?

अकबर की सबसे प्रिय रानी जोधाबाई थी |

प्रश्न नं 5 -अकबर के नवरत्न कौन से थे ?

-अबुल फजल

-फैजी

-तानसेन (संगीतकर )

-बीरबल

-राजा टोडरमल

-राजा मानसिंह

-अब्दुल रहीम खान -ए-खाना

-हकीम हुक्काम

-मुल्लाह दो पियाजा

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