कुतुब मीनार:-
कुतुब मीनार कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा कुतुब मीनार का निर्माण कराने का मकसद मुसलमानों को प्रार्थना हेतु इकट्ठा किया जा सके। लेकिन कालांतर में इसे चित्तौड़ और मांडू में बनी मीनारों के परिपेक्ष में देखा जाने लगा तथा इसे विजय की मीनार माना जाने लगा। कुतुबमीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने 1199 ईस्वी में कुव्वत-उल- इस्लाम मस्जिद के प्रांगण में इसका निर्माण कार्य प्रारंभ कराया। प्रारंभ में इसके निर्माण हेतु जो खाका तैयार किया गया था उसमें इसकी ऊंचाई 225 फीट तथा चार मंजिल होना तय किया गया था।
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कुतुबुद्दीन कुतुबमीनार की केवल एक मंजिल का निर्माण कर सका शेष कार्य इल्तुतमिश द्वारा किया गया। कुतुबमीनार का निर्माण सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी की स्मृति में कराया गया था। फिरोज तुगलक के समय में कुतुब मीनार पर आकाशीय बिजली गिरने के कारण इसकी चौथी मंजिल क्षतिग्रस्त हो गयी |जिससे इस चौथी मंजिल को तोड़कर इसके स्थान पर दो मंजिलो का निर्माण कराया गया | जिससे कुतुबमीनार की उचाई 234 फिट हो गयी थी | समय समय पर कुतुबमीनार की मरम्मत का कार्य फिरोजशाह तुगलक ,सिकंदर लोदी व् मेजर आर. स्मिथ द्वारा कराया गया |
कुतुब मीनार के आंतरिक भाग में कुछ छोटे-छोटे देवनागरी अभिलेख खुदे हैं। इन्हीं अभिलेखों के आधार पर इसे शुरू में हिंदू मीनार होने से जोड़ा जाने का प्रयास किया गया और कहा गया कि मुसलमानों ने इसकी बाहरी दीवारों पर कटाई करके मीनार का स्वरूप प्रदान किया।
उक्त विचारधारा का सिरे से खण्डन जान मार्शल जैसे इतिहासकारों ने किया है। और कुतुब मीनार को इस्लामी मीनार ही माना जाना सर्व उचित है। इस मीनार के निकले छज्जों को छत्तेदार डिजाइन से अलंकृत पत्थरों के ब्रैकेट द्वारा सहारा दिया गया है।
प्रश्न:- कुतुब मीनार कहां है।
उत्तर:- कुतुब मीनार दिल्ली की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के परिसर में स्थित है।
प्रश्न :- कुतुब मीनार क्यों बनाया गया था।
उत्तर:- कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा मुसलमानों को एक जगह एकत्रित करके प्रार्थना सभाओं का आयोजन करना था।
प्रश्न:- कुतुबमीनार का निर्माण कब हुआ।
उत्तर:- कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 1199 ईस्वी में दिल्ली की कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद के परिसर में कराया गया।
प्रश्न:- कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियां हैं।
उत्तर:- कुतुब मीनार में 379 सीढ़ियां हैं।