धरासना|बेबमिलर|दांडी|नौजवान सभा| विलियम हॉकिंस, राल्फ फिच, सर थॉमस रो,

उस विदेशी पत्रकार का नाम बताइए जिसने धरासना साल्ट वर्क्स पर सत्याग्रह के बारे में समाचार दिए।

सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत गांधी जी द्वारा नमक कानून तोड़ा गया इसी परिपेक्ष में मुंबई में इस आंदोलन का केंद्र बिंदु धरासना था जहां सरोजिनी नायडू, इमाम साहब, गांधी जी के पुत्र मणिलाल लगभग 2000 कार्यकर्ताओं के साथ धरासना नमक कारखाने की ओर बढ़े मुंबई के पास वडाला के नमक कारखाने पर लोगों ने धावा बोला और नमक लूट लिया 1930 में मुंबई के समुद्र पर अमेरिकी पत्रकार बेबमिलर ने सत्याग्रहियो पर अत्याचार का सजीव वर्णन किया।

धरासना

दांडी मार्च 12 मार्च 1930 से 6 अप्रैल 1930 ईस्वी तक

महात्मा गांधी 12 मार्च 1930 को 78 चुने अनुयायियों के साथ साबरमती आश्रम अहमदाबाद से दांडी नौसारी जिला गुजरात के लिए यात्रा प्रारंभ की।

गांधीजी 5 अप्रैल 1930 ईस्वी को 241 मील लंबी पैदल यात्रा के बाद दांडी पहुंचे उसके अगले दिन 6 अप्रैल 1930 को दांडी में नमक कानून तोड़ा।

सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी की दांडी मार्च की तुलना नेपोलियन के पेरिस मार्च और मुसोलिनी के रोम मार्च से की।

पश्चिमोत्तर प्रांत पेशावर में नमक आंदोलन का नेतृत्व खान अब्दुल गफ्फार खान ने किया इनका यह आंदोलन लाल कुर्ती आंदोलन के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

अब्दुल गफ्फार खान को सीमांत गांधी फख्र-ए- अफगान, बादशाह खान आदि नामों से जाना जाता है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र मणिपुर में सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व यदुनाथ के जिया रंग आंदोलन के नाम से जाना गया।

यदुनाथ पर हत्या का अभियोग लगाकर फांसी की सजा दी गई इसके बाद इनकी बहन गैडिनल्यू ने विद्रोह का संचालन किया इन्हें बाद में आजीवन कारावास की सजा हुई नेहरू जी ने इन्हें रानी की उपाधि प्रदान की।

मुंबई में इस आंदोलन का केंद्र बिंदु धारासना रहा 31 मार्च 1930 को सरोजनी नायडू इमाम साहब तथा गांधी जी के पुत्र मणिलाल लगभग 2000 कार्यकर्ताओं के साथ धारासना कारखाने की ओर बढ़े वहां पर लाठी चार्ज हुआ इस नृशंस अत्याचार का सजीव वर्णन अमेरिकी पत्रकार वेब मिलर ने किया।

दक्षिण भारत में इस आंदोलन का नेतृत्व राजगोपालाचारी ने त्रिचनापल्ली से बदओख्यम तक की यात्रा की। सैनिक कट्टा नामक कारखाने पर धावा बोला।

1926 में गठित नौजवान सभा के प्रारंभिक सदस्य कौन कौन थे।

1926 ईस्वी में पंजाब में गठित नौजवान सभा के प्रारंभिक/संस्थापक सदस्य भगत सिंह, छबीलदास और यशपाल थे।

साइमन कमीशन 20 अक्टूबर 1928 ईस्वी को जब लाहौर स्टेशन पर पहुंचा तो नौजवान सभा के सदस्यों ने इस कमीशन का बहिष्कार करने के लिए जुलूस का गठन किया जिसमें लाला लाजपत राय पर लाठियों की बौछार की गई कुछ दिनों बाद लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई इसका बदला लेने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु और जयपाल ने स्कॉट को मारने का दृढ़ निश्चय किया मगर गलती से दिसंबर 1928 ईस्वी को सांडर्स और उनके रीडर चरण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

 विलियम हॉकिंस, राल्फ फिच, सर थॉमस रो, निकोलस डाउंटन विदेशी यात्रियों को उनके भारत आने के कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए।

राल्फ फिच भारत आने वाला पहला इंग्लिश यात्री था जो 1583 ई. में आगरा पहुंचा।

विलियम हॉकिंस इंग्लैंड का यात्री जो अगस्त 1608 में सूरत पहुंचता और अप्रैल 1609 में मुगल शासक जहांगीर के दरबार आगरा पहुंचा।

सर थॉमस रो एक ब्रिटिश यात्री था जो सितंबर 1615 ई. में जहांगीर के दरबार में पहुंचा।

निकोलस डाउंटन 1615 ई. में भारत आया।

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